INDIAN SOLIDERS
भारतीय योद्धा
अपने वतन के खातिर हर दर्द खुसी से सह लेता हैं।।
चाहे बारिश हो या धूप, चाहे सर्द हो या ओला ।
अपना परवाह किये बिना डटे रहे अकेला ।।
वह वीर सपूत भारत माँ का ।।
हम सो गए पर वो नहीं ,उन्हें फिक्र है मेरी नींदों की , मेरी और परिवरों कि।
किसे मालूम था? कि आज वो सोयेंगे , जो कभी नहीं उठ पाएंगे ।।
वह वीर सपूत भारत माँ का ।।
क्या गलती थी उन माताओं की जिनकी कोख तुम सुना किया ।
माँग
की सिंदूर मिटा कर कइयों को विधवा किया ।।
क्या
गलती थी उन नन्हें से बालक की जिसको तू अनाथ किया ।
किस
हाथ पे वह राखी बंधेगी ,कितनो का घर तू उजार दिया ।।
वह वीर सपूत भारत माँ का ।।
बचपन मे हमे राक्षस और दैत्यों का कहानियों सुनाई जाती थी ।
आज हमें उन नापकों , हैवानों की कुकृत्य दिखाई दी थी ।।
खत्म हो वह कोख, जिसने ऐसा कपुत जन्म दिया ।
निर्दोषों का खून पिकर, चैन से डकार लिया ।।
अब समय आया है , उन हरामियों को सबक सिखाने का ।
हमे मोमबत्ती नही , मसाल से उनका घर राख करने का ।।
सम्भल जा ओ नापकों कब तक तुम पनाह देगा।
वो दिन भी आने बाला है, जब तेरा बेटा का भी कत्ल होगा।
हर एक निर्दोषों की सहादत का इंतकाम होगा ।।
लेखक:- सौरभ कुमार चौधरी
Shahid jawanoko vinamra shradhanjali
ReplyDelete👌👍nice line
ReplyDeleteJAI HIND...
Jay Hind 🇮🇳
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