INDIAN SOLIDERS
भारतीय योद्धा वह वीर सपूत भारत माँ का अपने वतन के खातिर हर दर्द खुसी से सह लेता हैं।। चाहे बारिश हो या धूप , चाहे सर्द हो या ओला । अपना परवाह किये बिना डटे रहे अकेला ।। वह वीर सपूत भारत माँ का ।। हम सो गए पर वो नहीं , उन्हें फिक्र है मेरी नींदों की , मेरी और परिवरों कि। किसे मालूम था ? कि आज वो सोयेंगे , जो कभी नहीं उठ पाएंगे ।। वह वीर सपूत भारत माँ का ।। क्या गलती थी उन माताओं की जिनकी कोख तुम सुना किया । माँग की सिंदूर मिटा कर कइयों को विधवा किया ।। क्या गलती थी उन नन्हें से बालक की जिसको तू अनाथ किया । किस हाथ पे वह राखी बंधेगी , कितनो का घर तू उजार दिया ।। वह वीर सपूत भारत माँ का ।। बचपन मे हमे राक्षस और दैत्यों का कहानियों सुनाई जाती थी । आज हमें उन नापकों , हैवानों की कुकृत